इतिहास
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गहना गाँव का इतिहास
गहना गाँव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले की अनूपगढ़ तहसील का एक मध्यम आबादी का गाँव है जो कि जिला मुख्यालय से 25 किलो मीटर और तहसील मुख्यालय से 16 किलो मीटर दूर स्थित है। इसके पूर्व में मईपूर, पश्चिम में चाँदौक और जटवाई, उत्तर में जहांगीराबाद और दक्षिण में मंढावली गाँव की सीमा लगती है। इस गाँव का कुल रकबा लगभग 3500 बीघा है जबकि लुहाच परिवार के पास लगभग 500 बीघा जमीन है। जमीन समतल व उपजाऊ है। गेहूँ और गन्ना मुख्य फसलें हैं। गन्ना मील गाँव से मात्र 3 किलो मीटर दूर है। ट्यूबवेल के अलावा शिवाली नामक रजबाहा सिंचाई का मुख्य स्रोत है। गाँव में 6 मंदिर, 2 पौखर (तालाब), 1 माध्यमिक स्कूल, 2 चौपाल, 4 आंगनबाड़ी केन्द्र, 1 गौशाला, 1 बैंक, 1 पीने के पानी की टंकी और 1 अग्निशमक केन्द्र है। गाँव की कुल आबादी लगभग 6000 लोगों की है जिसमें से लुहाच गौत्र के लगभग 100 लोग रहते हैं। गाँव में जाट के अतिरिक्त अन्य जातियाँ जैसे जाटव, धीमर, खटीक, ब्राह्मण, नाई और हरिजन समुदाय के लोग आपस में सद्भावना से रहते हैं।
सेहरा गाँव के प्रथम पुरुष राधा राम लुहाच लगभग 1835 ईस्वी में नाँधा से निकले दूसरे जत्थे का हिस्सा थे। नाँधा गाँव की वंशावली के मुताबिक पीढ़ी संख्या 31 पर मनसा राम और उमरा राम लुहाच पैदा हुए। उमरा राम के तीन बेटे ठण्डू राम, राधा राम और साधु राम थे। मनसा राम के चार बेटे ज्ञाना राम, भगवाना राम, नयन सिंह और केसा राम थे। जब नाँधा से दूसरा जत्था उत्तर प्रदेश के लिए निकला तो उमरा राम का बेटा ठण्डू राम और मनसा राम का केसा राम को नाँधा में छोड़ बाकी सभी उत्तर प्रदेह आ गए।
पहले कुछ दिन यह जत्था नली हुसैनपुर रुका फिर सब भाई आस पास के अलग अलग गाँवों में जाकर बस गए। राधा राम सेहरा चला गया। साधु राम भैसाखुर चला गया। ज्ञाना राम खाद मोहन नगर चला गया। नयन सिंह भड़ंगपुर चला गया जबकि भगवाना नली हुसैनपुर में ही रह गया। 1875 ईस्वी में राधा राम का छोटा बेटा राम सहाय सपरिवार बुलन्दशहर जिले की अनूपगढ़ तहसील के गहना गाँव में जाकर बस गया। गहना में लुहाच परिवार की
40 वीं पीढ़ी चल रही है।