इतिहास
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गिरावड़ का इतिहास
गाँव गिरावड़, तहसील महम, जिला रोहतक, राज्य हरियाणा :-
यहाँ के लुहाच परिवार की निकासी गाँव नाँधा, जिला चरखी दादरी, राज्य हरियाणा से है।
लगभग 1500 ई° में चौधरी गूगन सिंह सहपरिवार गाँव फरमाना से होकर गाँव गिरावड़ में आकर बस गए थे।
उनके साथ ही नाँधा से एक ब्राह्मण परिवार भी आया था।
लुहाच गौत्र के बाद पंजाब से लगभग 1600 ई° में गाँव बलरा से एक परिवार आया था जो बलहरा गौत्र के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
लुहाच गौत्र का फैलाव बलहरा गौत्र के मुकाबले काफ़ी कम हुआ। यही कारण है की गाँव में बलहरा गौत्र की आबादी लुहाच गौत्र से चार गुना है।
गाँव गिरवाड़ में राठी गौत्र का खेड़ा है हालांकि इस समय गाँव में एक ही राठी परिवार है। उसके बाद धांधी गौत्र का परिवार आकर बसा लेकिन अब तक धांधी गौत्र के केवल तीन ही परिवार हैं।
इस गाँव में 5 पान्ने हैं जिनके नाम हैं लुहाच, कालवाण (कालू), मुण्डाण (मुण्डा), नाथाण (नत्था), पीथाण (पीथा)
गाँव में बसने के बाद 15वीं पीढ़ी में 13 दादा का परिवार था जिनकी आबादी इस समय लगभग 1000 लोगों की हो गयी है।
लुहाच गौत्र के पास इस समय 1500 बीघा (300 एकड़) ज़मीन है जो की पूरी तरह नहरी है।
गाँव में कुल 7 मन्दिर व 1 शिवालय है जिसमे एक मन्दिर (बाबा बाढ़ी आला) पूर्णतया लुहाच गौत्र का है।
गाँव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है हालांकि सेना, पुलिस और खेल-कूद में ज्यादा लगाव है।
सन 1953 ई° में गोधा राम व रामानन्द का परिवार पास ही के गाँव गुगाहेड़ी में जाकर बस गया।
सन 1975 ई° में मुन्शी का परिवार उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले के कादराबाद गाँव में जाकर बस गया। गाँव के दोनों तरफ नहर लगती है इसलिए ज़मीन अधिक उपजाऊ है।
आज़ादी के बाद भी भारतीय सेना में गाँव के लुहाच सुपुत्रों की अहम भूमिका रही है जिसमें सुबेदार मेजर (आनरेरी कप्तान) राजबीर सिंह लुहाच (शौर्य चक्र) मुख्य हैं। राजबीर को शौर्य चक्र उनके जम्मू-कश्मीर में आर आर बटालियन में तैनाती के दौरान उग्रवादियों से लोहा लेते हुए 4 उग्रवादियों को मार गिराने पर प्रदान किया गया था।
गाँव के लुहाच पूर्वजों ने प्रथम विश्वयुद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, आजाद हिन्द फौज व देश की आज़ादी में अहम भूमिका निभाई।
द्वितीय विश्वयुद्ध में भागीदार :-
सुबेदार चुन्नीलाल
सिपाही केदार सिंह
सिपाही भीमा राम
सिपाही मुन्शी राम
सिपाही स्वरुप सिंह
सिपाही धर्मसिंह
सिपाही हुक्मसिंह
आजाद हिन्द फौज के सेनानी :-
सिपाही सूरत सिंह
सिपाही बदलू राम
गिरावड़ में लुहाच पीढ़ी की संख्या इस प्रकार है :-
माउंट आबू (अरबूदाँचल पर्वत) से 46वीं
नाँधा से 26वीं
गिरावड़ से 21वीं