इतिहास
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भंडोली गाँव का इतिहास
भंडोली गाँव पश्चिमी उतर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले का एक मध्यम आबादी का गाँव है जो कि जिला मुख्यालय से 9 किलो मीटर दूर है। इसके पूर्व में जोलीगढ़, पश्चिम में गूथावली और लुहारली, दक्षिण में धमेड़ा और उत्तर में बरारी और मनोहर गढ़ी गाँव की सीमा लगती है। सब गाँव से पक्की सड़क से संपर्क है। गाँव का कुल रकबा 6000 बीघा है जिसमें से लुहाच परिवार के पास लगभग आधा रकबा यानि 3000 बीघा है। पूरा रकबा समतल व उपजाऊ है। सिंचाई ट्यूबवेल और नहर के पानी से होती है। गन्ना इस गाँव की मुख्य फसल है। गन्ना की सप्लाई अगुता गन्ना मील और साबितगढ़ गन्ना मील में होती है जो कि क्रमश 8 किलो मीटर और 50 किलो मीटर दूर हैं। गाँव की सीमा से एक रजबाहा गुजरता है जिसे पवसरा रजबाहा के नाम से जाना जाता है। भंडोली गाँव की कुल आबादी लगभग 4000 लोगों की है जिसमें से लुहाच गौत्र के लोगों की आबादी लगभग 2000 लोगों की है। इस गाँव में लुहाच के आलावा पवार और धूलिया गौत्र के लोग भी रहते हैं। गाँव में 5 मंदिर, 5 तालाब, 1 प्राथमिक स्कूल,1 चौपाल और 1 आंगणबाड़ी केन्द्र हैं।
इस गाँव के प्रथम लुहाच पुरुष होराम नाँधा से पश्चिमी उत्तरप्रदेश के लिए निकले पहले जत्था का हिस्सा थे। नाँधा वंशावली की 29 वीं पीढ़ी के दुलारो राम के तीन बेटे थे। तीनों भाई पहले जत्थे के तहत यमुना पर कर कुचेसर के पास नली हुसैनपर पहुँच गए। यहाँ आकर पता चलाकि कुचेसर रियासत का राजा दलाल गौत्र से हैं और राजा के पूर्वज हरियाणा से आए थे। तीनों भाइयों ने राजा से अपनी रियासत में रहने के लिए जगहऔर खेती के लिए जमीन मांगी।
राजा ने यहाँ से कुछ किलो मीटर आगे एक नंगला में डेरा डालने की इजाजत दे दी। तीनों भाई इस नंगला पर रुक गए। जगह पसंद आ गई। तीनों भाइयों ने योजना बनाई कि एक भाई यहाँ रुक जाए और बाकी के दो भाई और आगे चल कर कोई दूसरी जगह जाकर देखते हैं। इस प्रकार उग्रसैन इसी जगह पर रुक गया। उस समय यहाँ कोई बसती नहीं थी। धीरे धीरे आबादी बढ़ने लगी और कालान्तर में एक गाँव का रूप ले लिया। इस लिए इस गाँव का नाम नंगला उग्रसैन रखा गया। क्योंकि इस नंगला को उग्रसैन ने बसाया था इस लिए इसका खेड़ा लुहाच के नाम से है।
होराम और जोहरी के परिवार का कारवाँ यहाँ से और आगे बढ़ा और बुलन्दशहर के पास भंडोली पहुँच गया। जगह रहने लायक देख कर होराम ने यही बसने का मन बना लिया। इस प्रकार होराम का परिवार यहीं पर बस गया। होराम के दो बेटे थे। उनके नाम हेत राम और बीरम सिंह थे। हेत राम यहीं पर रह गया जब कि उसका भाई बीरम सिंह अपने ताऊ जोहरी के साथ आगे बढ़ गया। दोनों परिवार यहाँ से आगे गहना होते हुए मुरादाबाद जिले के ज्ञानपुर गाँव में पहुँच गए। जोहरी यहीं पर बस गया जबकि बीरम सिंह बरेली के पास मोहम्मदपुर जाटान गाँव में जाकर बस गया। भंडोली में लुहाच परिवार की 40 वीं पीढ़ी चल रही है।