इतिहास
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मारोत का इतिहास
गाँव मारोत, जिला झज्जर, राज्य हरियाणा :-
यहाँ के लुहाच परिवार की निकासी गाँव पैन्तावास, चरखी दादरी, हरियाणा से सन 1700 ई° में हुई थी।
लगभग 1600 ई° में भैराज लुहाच (22वीं पीढ़ी) के तृतीय पुत्र पहाड़ सिंह सहपरिवार पैन्तावास चले गए। पैन्तावास में 100-125 वर्ष रहने के बाद दोनों पुत्र नीम्बू सिंह व छू छू सिंह सहपरिवार नीमली आ गए।
छू छू सिंह वहाँ न रूककर छूछकवास आ गया जहाँ पर नवाब का शासन था। छू छू को वहाँ रहने की इजाजत नहीं मिली तो वह कुछ कोस दूर मारोत में आ गए। यहाँ पर बागड़ गौत्र के जाट लोग पहले से रह रहे थे।
इस गाँव से बाद में चौधरी प्रेमसुख लुहाच 1860 ई° में सहपरिवार अपनी ससुराल रिटोली जाकर रहने लगे।
मारोत में लुहाच पीढ़ी की संख्या इस प्रकार है :-
आबू पर्वत (अरबूदाँचल) से 47वीं
नाँधा से 40वीं
छू छू सिंह से 13वीं