इतिहास

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नीमली का इतिहास

गाँव नीमली, जिला चरखी दादरी, राज्य हरियाणा :-

यहाँ के लुहाच परिवार की निकासी गाँव पैन्तावास, चरखी दादरी, हरियाणा से सन 1700 ° में हुई थी

लगभग 1600 ° में भैराज लुहाच (22वीं पीढ़ी) के तृतीय पुत्र पहाड़ सिंह सहपरिवार पैन्तावास चले गएपैन्तावास में 100-125 वर्ष रहने के बाद दोनों पुत्र नीम्बू सिंह छू छू सिंह सहपरिवार नीमली गएछू छू सिंह वहाँ रूककर छूछकवास होते हुए गाँव मारोत चले गए

नीम्बू सिंह के 2 पुत्र थे - भावू राम एवं आना थाना राम, इन्ही के नाम से गाँव के दो बड़े पाने बने, भावाण (भावू ), थानाण (थाला)इनमें भी आगे चलकर सात छोटे पाने बन गए

इस गाँव से लगभग 1775 ° में बीरु सिंह की पत्नि पातो देवी तीन पुत्रों सहित अपने मायके रिवाड़ी खेड़ा जाकर रहने लगीजबकि लगभग 1850 ° में चौधरी विजयपाल रानीला गाँव में ज़मीन खरीदकर रहने लगे

नीमली से दो गाँव रिवाड़ी खेड़ा और रानीला की निकासी हुई

नीमली बहुत ही उन्नत प्रगतिशील गाँव है यहाँ से राजकीय केंद्रीय सेवा में प्रथम द्वितीय श्रेणी के अनेकों अधिकारी सेवानियुक्त हैं



नीमली में लुहाच पीढ़ी की संख्या इस प्रकार है :-

आबू पर्वत (अरबूदाँचल) से 47वीं

नाँधा से 40वीं

नीम्बू सिंह से 13वीं