इतिहास

show vanshavali

सूरत राम की ढाणी(धींगपुर)

 

सूरत राम की ढाणी धींगपुर पंचायत का राजस्थान के सीकर जिले की दाता राम गढ़ तहसील का की एक छोटी सी ढाणी है जो कि धींगपुर से 3 किलोमीटर, जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर और तहसील मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके पूर्व में लाडपुर, खाटू श्याम, झामावास, दक्षिण में गीलों की ढाणी, पूरोहित की ढाणी, दक्षिण पूर्व में चैनपुरा, पश्चिम में हरितवाल की ढाणी, सामेर, उत्तर में आनोदा, माओलियों की ढाणी और पलसाना गाँव की सीमा लगती है। ढाणी से सब सीमावर्ती गाँव के लिए कच्चे रास्ते से संपर्क है। सूरत राम की ढाणी धींगपुर ग्राम पंचायत के तहत आती है। इसकी कुल आबादी लगभग 250 लोगों की है जिसमे से 150 लोग लुहाच गौत्र से हैं। इस ढाणी में लुहाच के आलावा कुछ राजपूत और कुलड़िया, माओलिया, भामू और तायल गौत्र के लोग रहते हैं। ढाणी का कुल रकबा 500 बीघा है जिसमें से 250 बीघा लुहाच गौत्र के लोगों के पास है। पूरा रकबा बरानी है जिसकी ट्यूबवेल से माइक्रो ईरीगेसन प्रणाली से फवारा तकनीक द्वारा सिचाई होती है। पास के धींगपुर गाँव में 2 सरकारी ट्यूबवेल हैं जिससे पशुओं लोगों के लिए पीने का पानी मिलता है। इसके आलावा धींगपुर में 1 हस्पताल, 1 पशु हस्पताल और 1 सरकारी स्कूल है।


इस ढाणी के लुहाच प्रथम पुरुष नागौर जिले के भींवपुरा गाँव से आए थे। भींवपुरा गाँव की वंशावली पीढ़ी संख्या 36 के बालू राम लगभग 1900 ईस्वी में सपरिवार सीकर जिले के धींगपुर गाँव के पास खेतों में आकर बस गया। बाद में इस जगह ने ढाणी का रूप ले लिया और सूरत राम की ढाणी के नाम से जाना जाने लगा। इस ढाणी में आज लुहाच गौत्र के लोगों की अधिकता है जिसमें लगभग 60% जनसंख्या लुहाच गौत्र के लोगों की है।